आपकी नजरें प्यार बरसाती थी रोम रोम पुलकित हो उठता था आपकी नजरें प्यार बरसाती थी रोम रोम पुलकित हो उठता था
और चढ़ाता इतना पक्का रंग कि कभी न खत्म होता मधुर होली मिलन का रंग। और चढ़ाता इतना पक्का रंग कि कभी न खत्म होता मधुर होली मिलन का रंग।
धूप थी तेज पर कहाँ लगी, देर तो हुई पर खड़ी रही, दिल घड़ी की टिक-टिक सा... धड़क-धड़क कर बता रहा धूप थी तेज पर कहाँ लगी, देर तो हुई पर खड़ी रही, दिल घड़ी की टिक-टिक सा... धड़क-ध...
याद आती है आपकी मंदमंद मुस्कान जैसे मिल गया मुझे आसमान! याद आती है आपकी मंदमंद मुस्कान जैसे मिल गया मुझे आसमान!
बस यूँ ही ... बस यूँ ही ...
प्यार का मासूम सवाल... प्यार का मासूम सवाल...